Delay in child Birth: विवाह के कई वर्ष होने के बाद भी संतान प्राप्ति में किसी भी तरीके से देर हो रहा है इसके कई कारण होते है लेकिन ज्योतिषशास्त्र के अनुसार संतान प्राप्ति में बाधा के कारण होते है मेडिकल के विशेष उन्नति के बाद भी कई लोग संतान के लिए वर्षो तक संतान के लिए चक्कर लगाते रहते है संतान के लिए परेशान रहते है.संतान का नहीं होना इस में कई कारण बन सकता है वैज्ञानिक रूप से देखेगे संतान का नहीं होना पत्नी -पत्नी में किसी एक को स्वस्थ्य रूप से कमजोर रहना होता है लेकिन ज्योतिषशास्त्र में संतान का नहीं होना कई कारण बताए गए है.
ज्योतिष के अनुसार संतान हीन का योग
जन्मकुंडली में अनुसार ग्रहों की स्थति देखकर बताया जा सकता है आपको संतान प्राप्ति में देर होने के क्या कारण हो सकता है संतान की प्राप्ति में देर पति या पत्नी के कारण बन रहा है ग्रह का अनुकूल नहीं होगा, संतान बाधक के कारक ग्रह का होना होता है.जन्मकुंडली में पंचम भाव संतान का होता है इस भाव में अशुभ ग्रह के बैठने के कारण संतान में बाधा आती है.
संतान हीन के कई योग होते है
- जन्मकुंडली के पांचवां भाव में मंगल विराजमान हो व्यक्ति को संतान नहीं होता है.
- पांचवे भाव के स्वामी बुध की राशि कन्या या मिथुन राशि में बैठे हो या बुध की दृष्टि हो संतान नहीं होता है.
- पांचवे भाव के स्वामी नीच होकर पीड़ित हो इस अवस्था में संतान का सुख प्राप्त नहीं होता है.
- सातवे भाव में अशुभ ग्रहों के साथ शनि हो संतान नहीं होता है.
- सभी अशुभ ग्रह केवल चौथे भाव और पांचवे भाव में बैठे हो संतान सुख नहीं होता है.
- जन्मकुंडली में चंद्रमा और गुरु से पांचवे भाव में पापी ग्रह हो संतान का सुख प्राप्त नहीं होता है.
- मंगल और सूर्य पांचवे भाव में हो या ग्यारह भाव में हो लग्नेश निर्बल हो इस अवस्था में संतान नहीं होता है.
- राहु पांचवे भाव में बैठकर मंगल और शनि से पीड़ित हो संतान नहीं होता है.
- संतान नहीं होना का मुख्य कारण पितृदोष हो सकता है. या सर्पदोष योग बनने के कारण संतान होने में परेशानी होता है.
- जन्मकुंडली में मीन राशि में बैठा वृहस्पति बहुत कम संतान देता है धनु राशि में बैठने से संतान होने में देर होता है.
- कुम्भ लगन के लिए आठवें भाव में पापी ग्रह के साथ बैठा बुध संतान सुख नहीं होने देता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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